जब यह काया थक जायेगी .
और हमारी शादी होगी ,
जब मेरी पत्नी आयेगी .
क्या तब दादा-दादी जैसे,
मम्मी और तुम्हें दोनों को,
वृद्धाश्रम में जाना होगा ?.
क्या तब मुझको भी ऐसे ही,
बस तब साल-महीनों में फिर,
तुमसे मिलने आना होगा ?
क्या दादा-दादी दोनों ही ,
कभी युवा थे, तुम जैसे थे?
और कभी क्या ,जैसा इस दम
मैं छोटा हूँ, तुम वैसे थे ?
तब क्या दादा-दादी तुम से ,
भी यूं प्यार किया करते थे .
मेरा बेटा, प्यारा बेटा,
राजदुलारा वे कहते थे.?
क्या अपनों से दूरी का दुःख ,
पापा तुम तब सह पाओगे ?
मेरे बिन तुम वहां अकेले ,
बोलो कैसे रह पाओगे ?
पापा ऐसा क्यों होता है ,
क्यों सब बूढ़े हो जाते हैं?
अपना घर, अपने बच्चों को,
छोड़ वहां वे क्यों जाते हैं?
special on "FATHER,S DAY"
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