कब से रीता हूँ , तू अब तो मुझे भर जाने दे /
बाद मुद्दत के दर- ए -आब पे पहुँचा हूँ मैं ,
अब हमारी भी तरफ , शोख लहर आने दे /
यूँ तो शिकवे हैं बहुत ,बाद में कर लूँगा मैं ,
लबों से जाम अभी , इश्क का टकराने दे /
डूबना चाहता हूँ , आब- ए - मोहब्बत में मैं,
रोकना अब नहीं , लहरों पे लहर छाने दे /
डूब जाऊँ भी अगर , तो कोई मलाल नहीं ,
चाहता कौन है जीना , मुझे मर जाने दे /
8 comments:
डूब जाऊँ भी अगर , तो कोई मलाल नहीं ,चाहता कौन है जीना , मुझे मर जाने दे
shukla ji bahut sundar bhavon se bhari hai aapki prastuti.badhai.
बहुत अच्छा लगा ||
बधाई |
SHALINI JI,
RAVIKAR JI,
rachana pasand aayee,bahut aabhari hoon, dhanyawad
बहुत अच्छी गजल है |
बहुत अच्छी गजल है |
Madhur ji,
Rachna pasand aayee, aabhar, dhanywad
बहुत सुंदर प्रेम ग़ज़ल। हर शे’र में इश्क़ की इन्तहां मन को बहुत प्यारा लगा।
यूं तो शिकवे हैं बहुत बाद में कर लूँगा मै... शुक्ल जी वाह क्या सुन्दर प्रेमाभिव्यक्ति जाम पे जाम लहर पे लहर -आनंद आ गया
बधाई हो
शुक्ल भ्रमर ५
आइये भ्रमर की माधुरी -और बाल झरोखा में भी
http://surendrashuklabhramar.blogspot.com,
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