आखिर क्यों होते हैं बार-बार आतंकी हमले ?
क्यों मच जाती है अचानक अफरा- तफरी ?
क्यों चीखों में बदल जाती हैं आवाजें ?
क्यों हंसती- खेलती जिंदगियां -
बदल जाती हैं लाशों में ?
कहते हैं, आतंक का कोई मजहब नहीं होता ,
लेकिन मकसद तो होता होगा ?
वह मकसद क्या है -
वहशीपन, दरिन्दगी ,
नफ़रत या पैसा ,
मूर्खता या राष्ट्रद्रोह ?
आतंकी घटनाओं में हो सकती है विदेशी साजिश ,
लेकिन हाथ नहीं /
वे हाथ प्रायः देशी होते हैं /
ये, वे कुत्ते हैं-
जो अपना ही खून चाटकर आनंदित होते हैं /
वे पागल हैं ,पूरी तरह पागल !
और उनका इलाज है , मौत !
मौत से कम कुछ भी नहीं /
इन पर रहम करना -
खुद के और देश के साथ गद्दारी है /
सवा सौ करोड़ दिलों में दहशत की कीमत पर,
हम रहमदिल कैसे हो सकते हैं ?
ये रक्तबीज हैं ,
इन्हें मारो, बिना रक्त की एक बूँद जमीन पर गिराए /
खुद मरने से पहले मारिये ,
यही आख़िरी रास्ता है /
फिर देशी- विदेशी का भेद न हो /
क्या जुटा पायेगा, इतना साहस यह देश ? ?
क्यों मच जाती है अचानक अफरा- तफरी ?
क्यों चीखों में बदल जाती हैं आवाजें ?
क्यों हंसती- खेलती जिंदगियां -
बदल जाती हैं लाशों में ?
कहते हैं, आतंक का कोई मजहब नहीं होता ,
लेकिन मकसद तो होता होगा ?
वह मकसद क्या है -
वहशीपन, दरिन्दगी ,
नफ़रत या पैसा ,
मूर्खता या राष्ट्रद्रोह ?
आतंकी घटनाओं में हो सकती है विदेशी साजिश ,
लेकिन हाथ नहीं /
वे हाथ प्रायः देशी होते हैं /
ये, वे कुत्ते हैं-
जो अपना ही खून चाटकर आनंदित होते हैं /
वे पागल हैं ,पूरी तरह पागल !
और उनका इलाज है , मौत !
मौत से कम कुछ भी नहीं /
इन पर रहम करना -
खुद के और देश के साथ गद्दारी है /
सवा सौ करोड़ दिलों में दहशत की कीमत पर,
हम रहमदिल कैसे हो सकते हैं ?
ये रक्तबीज हैं ,
इन्हें मारो, बिना रक्त की एक बूँद जमीन पर गिराए /
खुद मरने से पहले मारिये ,
यही आख़िरी रास्ता है /
फिर देशी- विदेशी का भेद न हो /
क्या जुटा पायेगा, इतना साहस यह देश ? ?
7 comments:
अच्छा वर्णन ||
बधाई ||
जुटानी ही होगी हिम्मत ||
सार्थक बात कही है आपने .ये कुत्ते ही हैं जो अपना खून चाट कर खुश हो रहे हैं .इनको तो चौराहों पर खड़ा करके जिन्दा जला दिया जाना चाहिए .आभार
ये कार्य करने के लिए तो माँ दुर्गा को फिर आना होगा धरती पर .बहुत सुन्दर प्रस्तुति.बधाई.
व्यग्रता छोड़ उग्रता धारण करनी होगी।
वर्तमान दशा का सटीक आकलन करती मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक कविता....
man ko aakroshit karti samsaamyik rachna.
रविकर जी ,
शिखा जी ,
शालिनी जी ,
प्रवीण जी ,
डॉक्टर शारदा सिंह जी ,
एवं अनामिका जी
आप सब शुभचिंतकों के द्वारा किये गए उत्साहवर्धन का आभारी हूँ /
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