रिश्ते केवल रक्त संबंधों तक सीमित नहीं होते
वे बन सकते हैं-
किसी से भी, कहीं भी, कभी भी
बस उनमें ईमानदारी हो
एक-दूसरे के प्रति वफादारी हो
वे स्वार्थ और लोभ से परे हों
दोनों दिल उमंग से भरे हों
दोस्त, मित्र, सहयोगी-
रिश्ते को कुछ भी दें नाम
लेकिन जब वक्त पड़े-
तो आयें एक दूसरे के काम.
वे जो लोकलाज वश-
सामाजिक विवशताओं में,
या मजबूरियों में
ढोये जाते हैं
वे जिम्मेदारियां तो हो सकते हैं-
लेकिन रिश्ते नहीं हो पाते हैं
जहाँ बस स्वार्थ का नाता हो-
वे यथार्थ में रिश्ते नहीं होते
पत्नी, पति की-
और पुत्र, पिता के नहीं होते
निभ जाएँ तो बिना नाम दिए-
साथ-साथ चलते जिंदगी गुज़र जाती है
यह बात अलग है-
कि ऐसे रिश्तों को दुनिया नाम नहीं दे पाती है.
वे बन सकते हैं-
किसी से भी, कहीं भी, कभी भी
बस उनमें ईमानदारी हो
एक-दूसरे के प्रति वफादारी हो
वे स्वार्थ और लोभ से परे हों
दोनों दिल उमंग से भरे हों
दोस्त, मित्र, सहयोगी-
रिश्ते को कुछ भी दें नाम
लेकिन जब वक्त पड़े-
तो आयें एक दूसरे के काम.
वे जो लोकलाज वश-
सामाजिक विवशताओं में,
या मजबूरियों में
ढोये जाते हैं
वे जिम्मेदारियां तो हो सकते हैं-
लेकिन रिश्ते नहीं हो पाते हैं
जहाँ बस स्वार्थ का नाता हो-
वे यथार्थ में रिश्ते नहीं होते
पत्नी, पति की-
और पुत्र, पिता के नहीं होते
निभ जाएँ तो बिना नाम दिए-
साथ-साथ चलते जिंदगी गुज़र जाती है
यह बात अलग है-
कि ऐसे रिश्तों को दुनिया नाम नहीं दे पाती है.
12 comments:
सटीक बात कही है ..चित्र बहुत खूबसूरत है रिश्तों को कहता हुआ
रिश्तों की दुनिया में स्वार्थ का क्या काम ||
सुन्दर प्रस्तुति बधाई ||
shukla ji
aaj to rishten hain hi swarth par tike hue .
bahut sundar prastuti hai aapki .badhai.
Sangeeta ji,
Ravikar ji,
Shalini ji
rachna pasand aayee, aap sab ka bahut aabhar, dhanyawad.
रिश्तों को किश्तों में जीना छोड़ कर समग्रता मे जिया जाये। सुन्दर कविता।
सच लिखा है आपने . रिश्तो को नए दृष्टिकोण से परिभाषित किया है आपने .गंभीर लेखन हेतु शुभकामनायें स्वीकार करें .आभार .
शुक्ल जी खूबसूरत अभिव्यक्ति और इसे सिद्ध करती छवि ..रिश्ते केवल खून के ही नहीं ..रिश्तों के रूप अच्छी तरह दिखाए गए
.सुन्दर रचना
शुक्ल भ्रमर ५
बहुत सुन्दर चित्रण रिश्ते पर... और सटीक..
रिश्तों की महत्ता को प्रगट करती हुई सार्थक पोस्ट
Praveen Pandey ji,
Shikha ji,
Bhramar ji,
Nootan ji,
Rekha ji
Aap sab shubhachintakon ka bahut- bahut aabhar, dhanyawad .
गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ... हार्दिक बधाई
डॉक्टर साहिबा
रचना की प्रशंसा के लिए बहुत - बहुत आभार ,धन्यवाद
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