दिए जलाए जाते हैं , हर बार दिवाली पर /
ईर्ष्या- द्वेष जलाएंगे , इस बार दिवाली पर /
मिलकर बांटेंगे आपस में, प्यार दिवाली पर ,
ढह जायेगी , नफ़रत की दीवार दिवाली पर /
भीतर-बाहर, घर-आँगन में उजियारा होगा ,
जब दीपक दमकेंगे ,हर घर- द्वार दिवाली पर /
घर-घर में लक्ष्मी-गणेश का, आराधन होगा ,
और सजेंगे हर घर , बंदनवार दिवाली पर /
महानिशा ! के अंधकार को , दूर भगायेंगे ,
खुशियों की फिर से होगी , बौछार दिवाली पर /
सोच रहा हूँ , शायद उस दिन तुम भी आओगे ,
अपनी भी होंगी , फिर आँखें चार दिवाली पर /
29 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ... अंत भी भला हो :)
बहुत सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति
आज अंदर का रावण भी भुला कर राम का सच्चे मन से स्वागत करें तो और भी मज़ा आ जायगा ... लाजवाब रचना है ...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
काश ऐसा ही हो शुक्ल जी...बहुत सकारात्मक सोच...बधाई
नीरज
काश ऐसा ही हो शुक्ल जी...बहुत सकारात्मक सोच...बधाई
नीरज
बहुत सुंदर प्रस्तुति ....दीपावली की अग्रिम शुभकामना....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
मेरी बधाई स्वीकार करें ||
तब आयेगा रंग, एक त्योहार दीवाली में।
sogh rahaa hoon us din shaayad ----
waah kyaa baat ==
ise bhee to padhen
ujaale kaa hogaa asar dheere = dheere
sateek abhivyakti badhaayee deerotsav
mangalmay ho
ऐसा ही हो इस बार दिवाली पर!
बहुत सुन्दर.
दीपावली की शुभकामनाएं।
भाई शुक्ल जी बहुत ही प्यारी सी गजल बधाई और शुभकामनायें
ADARANEEYA SANGITA JI,
Sanjay Bhaskar ji,
DIGAMBER NASWA JI,
आप मित्रों का स्नेह मिला, आभारी हूँ.
Kailash ji,
Neeraj Goswami ji,
आपके उत्साहवर्धन का ह्रदय से आभार, धन्यवाद.
Anita ji,
Ravikar ji,
Pravin pandey ji,
इस स्नेह की हमेशा अपेक्षा और प्रतीक्षा रहेगी .
Virendra ji,
Anupma pathak ji,
Nisha Maharana ji,
शुभकामनाओं का बहुत-बहुत आभार.
Manoj ji,
Jaikrishan Ray Tushar ji,
रचना की प्रशंसा के लिए धन्यवाद.
आदरणीय यस यन शुक्ल जी बहुत सुन्दर ..काश ऐसा हो जाता सारा द्वेष पाखण्ड भ्रष्टाचार हमारा जल जाता ..मन के दिए जल जाते ..अँधियारा सब भग जाता .
.दिए जलाए जाते हैं , हर बार दिवाली पर / ईर्ष्या- द्वेष जलाएंगे , इस बार दिवाली पर /
बधाई हो सुन्दर रचना
सोच रहा हूँ , शायद उस दिन तुम भी आओगे ,अपनी भी होंगी , फिर आँखें चार दिवाली पर /
भ्रमर ५
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
diwali par bahut sundar rachna, badhai sweekaaren.
apki ummedon ke sath ek hamara hath bhi juda hai.
sunder abhivyakti.
आशावादी सोच से परिपूर्ण रचना ...बहुत सुन्दर
bahot achcha likhe hain......
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने !
आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
Surendra shukla ji,
Lokendra ji,
Jennee Shabanam ji,
आप मित्रों का आभारी हूँ सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के लिए, धन्यवाद.
Anamika ji,
Vandana ji,
आप मित्रों की उदारतापूर्ण प्रतिक्रियाओं का बहुत- बहुत आभार.
Mridula ji,
Babali ji,
आपकी शुभकामनाएं मिलीं , आभारी हूँ.
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