जीने का बहाना हो तुम
जागती रातों में , सपनों का खजाना हो तुम /
कैसे बतलाएं , कि जीने का बहाना हो तुम /
अब तो हर साँस में , धड़कन में तुम्हारी ही रिदम ,
तुम मेरी नज़्म , रुबाई हो , तराना हो तुम /
मेरे गुलशन में , खिलाये हैं फूल तुमने ही ,
रंग- ओ - खुशबू से , सजाये हैं फूल तुमने ही ,
इस इनायत का , तहे दिल से हूँ मैं शुक्र -ए - गुज़ार ,
तुम मेरी जीश्त हो , जीनत मेरी, ज़ाना हो तुम /
तुमसे होती है शुरू दुनिया मेरी , तुम पे ख़तम ,
हमारे वास्ते ! यह सारा ज़माना हो तुम /
- एस .एन .शुक्ल
31 comments:
बहुत ही सुन्दर, कोमल और गहरी अभिव्यक्ति..
बहुत सुन्दर...
रूमानियत के एहसासों से भरी गज़ल...
सादर
अनु
jine ka bahan atum ho sunder bhav
badhai
rachana
तुमसे होती है शुरू दुनिया मेरी , तुम पे ख़तम
हमारे वास्ते ! यह सारा ज़माना हो तुम,,,,,
वाह,,,क्या बात है,,,,,
आपकी प्रस्तुति मुझे बहुत पसंद आई,,,
बहुत२ बधाई हो शुक्ल जी,,,,,,
RECENT POST-परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,
बहुत सुन्दर...
sashakt sundar bhaav ...
priya ka ehsas ka rumani gajal.
bahut achha.
meri 2 naii rachna bhi padhne ki kast karen
खूबसूरत गज़ल
bahut khoob !!
regards
BEAUTIFUL GAZAL. VERY NICE LINES WITH EMOTIONS AND FEELINGS.
badi pyari kavita....
प्यार की गहराई को उजागर करती एक खूबसूरत रचना.
बहुत खूबसूरत अहसास...
priya ka rumani ehsas.badhai
bahut khubsoorat rachna...
bahut khubsurat rachna
Ati sundar. बहुत पसंद आई आपकी रचना.
Ati sundar ahsas.
प्यार की इन्तेहाँ ...कोमल अलफ़ाज़ और अहसास से भरपूर गज़ल....बेहतरीन |
Pravin pandey ji,
ANU JI,
rACHANA JI,
आप मित्रों से इसी स्नेह की हमेशा अपेक्षा रही है , आभारी हूँ .
dHEERENDRA JI,
Poonam ji,
Anupama Tripathi ji,
आपकी स्नेहिल शुभकामनाओं का बहुत - बहुत आभार.
Kalipad Prasad ji,
ब्लॉग पर आगमन और शुभकामनाओं का आभार.
Sangita ji,
स्नेह मिला , आभार आपके उत्साहवर्धन का.
Meenakshi ji,
Ramakant ji,
आपके ब्लॉग पर आगमन का आभार.
Mridula ji,
Shalini ji,
Sandhya ji,
स्नेहिल शुभकामनाओं का बहुत - बहुत आभार.
Madan Mohan Saxena ji,
आपके ब्लॉग पर आगमन और शुभकामनाओं का आभार.
Reva ji,
Kumar Vishal ji,
Roli Pathak ji,
स्नेह मिला , आभार आपके उत्साहवर्धन का.
क्या बात है..बहुत सुन्दर.
Amrita Tanmay ji,
रचना को साधुवाद देने के लिए धन्यवाद.
प्यार में निछावर कर देना, किसी को जीवन समझ लेना जीवन को रंगीन और सार्थक बना देता है..सुन्दर भाव :)
Uday ji,
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभार.
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