ज़िंदगी रोज नया इम्तिहान है यारों /
कभी जमीं तो कभी आसमान है यारों /
कभी हंसाती , कभी बारहा रुलाती है ,
ज़िंदगी रूह का अदना मकाम है यारों /
कभी ये बजती है सरगम में, सात सुर में कभी ,
मगर कभी , ये बेसुरी सी तान है यारों /
ज़िंदगी तल्खियों भरी हो , फिर भी जीना है ,
अज़ीज़ जान से ज्यादा , ये जान है यारों /
ज़िंदगी तेरे बिना , कोई नियामत भी नहीं ,
ज़िंदगी है , तो ये सारा जहान है यारों /
- एस. एन. शुक्ल
कभी जमीं तो कभी आसमान है यारों /
कभी हंसाती , कभी बारहा रुलाती है ,
ज़िंदगी रूह का अदना मकाम है यारों /
कभी ये बजती है सरगम में, सात सुर में कभी ,
मगर कभी , ये बेसुरी सी तान है यारों /
ज़िंदगी तल्खियों भरी हो , फिर भी जीना है ,
अज़ीज़ जान से ज्यादा , ये जान है यारों /
ज़िंदगी तेरे बिना , कोई नियामत भी नहीं ,
ज़िंदगी है , तो ये सारा जहान है यारों /
- एस. एन. शुक्ल
45 comments:
जिंदगी पर सच्ची शायरी ...
बहुत सुंदर..!
शुभकामनायें ...!!
जिंदगी!...कभी हँसाती है, तो कभी रुलाती है!...बहुत सुन्दर रचना!....आभार!
bahut khoob
Welcome To New Post:
बलि
बहुत बहुत सुन्दर सर..............
बेहतरीन शायरी....
लाजवाब शेर...
सादर.
अनु
्वाह शुक्ल जी गज़ब कर दिया ज़िन्दगी को परिभाषित कर दिया
वाह! क्या बात है जी....बहुत बढिया शायरी।बधाई स्वीकारें।
जिंदगी की खुली किताब सी लगी आपकी ये रचना .. बहुत सुन्दर...
बहुत सुंदर शायरी ,बेहतरीन पोस्ट,....
MY RECENT POST...फुहार....: दो क्षणिकाऐ,...
उम्दा रचना |
वाह, सबको इससे होकर गुजरना है।
Anupama ji,
Dr. Aruna Kapoor ji,
Panchhi ji,
आभार आपके स्नेह का.
Anu ji,
Vandana ji,
Bali ji,
आप मित्रों से इसी स्नेह की अपेक्षा रही है.
Kumar ji,
Dhirendra ji,
.
आभार आपका.
Pradeep ji,
Pravin Pandey ji,
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद.
खूबसूरत गजल ज़िंदगी के नाम
बहुत ही बढ़िया सर!
सादर
कल 07/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
क्या बात है ,मुखर अनुभूतियाँ , सुन्दर भाव की उपस्थिति बोधगम्य काव्य ,प्रेरणा लिए बधाईयाँ जी /
एक बेहतरीन ग़ज़ल !!!
Zindagi rooh ka adna makaam hai yaaro ... bahut khoobsoorat !!
बहुत-बहुत स्वागत।
बेहतरीन शुक्ल जी... हनुमान जयंती की शुभकामनाएं...
ज़िन्दगी रूह का अदना मकान है यारों ..सच कहा !
ज़िन्दगी इम्तहान तो है ही और इससे पार भी पाना होता है, यहां द्रॉप करने से काम नहीं चलता।
नहुत सुन्दर गजल..बड़े ही अच्छे भाव प्रस्तुत किये आपने.. बधाई!
बेहतरीन!
वाह! क्या बात है .... बढिया शायरी... बधाई.
jindgi ke prati jindadil najriya
वाह..बेहद सुंदर रचना सर :)
बस जिन्दरी ऐसी ही है ..बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
ज़िंदगी तेरे बिना , कोई नियामत भी नहीं ,
ज़िंदगी है , तो ये सारा जहान है यारों /
वाह!!!!!!बहुत सुंदर रचना,
शुक्ल जी बहुत अच्छी प्रस्तुति..बधाई
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
Sangita ji,
Yashavant ji,
aapase isee sneh kee apekshaa hameshaa rahee hai.
Uday veer Singh ji,
Vishal ji,
Meeta ji,
aap mitron kee shubhakaamanaaon kaa hriday se aabhaar.
Brijesh Singh ji,
blog par padhaarane aur samarthan pradaan karane kaa aabhaar.
Lokendra ji,
Saras ji,
Manoj ji,
aap mitron kee shubhakaamanaaon kaa hriday se aabhaar.
Santosh kumar ji,
Madhu ji,
aapase isee sneh kee apekshaa rahee hai.
Onkar ji,
blog par padhaarane kaa aabhaar.
Kewal joshi ji,
Sandhya Tiwari ji,
Brijendra ji,
aap snehion kaa samarthan nav srijan kee prernaa detaa hai.
Maheshwari Kaneri ji,
Dheerendra ji,
aap mitron kee shubhakaamanaaon kaa hriday se aabhaar.
जान है तो जहान है...हंसाये या रुलाये पर ये ख़ुदा की एक नियामत है...
बहुत सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने।
जिंदगी है तो सारा जहान है...बिल्कुल सही।
Vaanbhatt ji,
Mahendra Verma ji,
शुभकामनाओं का बहुत- बहुत आभार.
gajal ka hr sher lajabab ...badhai sweekaren shukl ji
Tripathi ji,
स्नेह और शुभकामनाएं मिलीं, धन्यवाद.
कभी सरगम तो कभी बेसुरी सी है यारों ।
कितनी सच्ची गज़ल ।
Post a Comment