हमने शिकवा कहाँ किया यारों ?
मर तो सकता है किसी पर कोई ,
कौन किसके लिए जिया यारों ?
दो कदम साथ चले भी तो बहुत ,
कद्रदानी का शुक्रिया यारों /
जख्म देना जहाँ की फितरत है ,
जिसने जो भी दिया , लिया यारों /
अब तो रूख्सत के वक़्त माफ़ करो ,
छोड़ दो मुझको , तखलिया यारों /
कौन किसके लिए ---जिया यारों //
18 comments:
बहुत शानदार गजल है |बधाई |
बहुत बढ़िया!
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की मंगलकामनाएँ!
सच ही है।
सच कहा………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत सुन्दर ...मन के भावों को कहती हुई गज़ल
बहुत खूब ... लाजवाब शेर बन पढ़े हैं सब ... जानदार गज़ल है ..
शुक्ला जी नमस्कार्। सुन्दर गजल के शब्द कौन किसके -----
शुक्ला जी नमस्कार्। सुन्दर गजल के शब्द कौन किसके -----
बहुत सुन्दर विचारों को आपने गज़ल में व्यक्त किया है, वधाई।
बढि़या ग़ज़ल लिखी है आपने।
सभी शेर अच्छे लगे।
Amarnath Madhur ji,
Dr. Roopchandra Shastri ji,
Ravikar ji
आपके स्नेह का आभारी हूँ , रचना की प्रशंसा के लिए धन्यवाद .
Pravin Pandey ji,
Vandana ji,
Sangita ji
आप जैसे मित्रों से सदैव स्नेह मिला , रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का आभार.
Pravin Pandey ji,
Vandana ji,
Sangita ji
आप जैसे मित्रों से सदैव स्नेह मिला , रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का आभार.
Digamber Naswa ji,
Suman Dubey ji,
Dr.Vyom ji,
Mahendra verma ji
आपके स्नेहाशीष का ह्रदय से आभारी हूँ .
बहुत- बहुत आभार शुभकामनाओं के लिए.
bahut bahut sundar prastuti.......
REWA JI
आपके स्नेह , समर्थन और प्रशंसा का ह्रदय से आभार .
आदरणीय शुक्ल जी छोटी सी रचना ने बड़ी बातें कह दीं ...मन को छू गयी रचना .....आभार और धन्यवाद...... अपना स्नेह और समर्थन देते रहें कृपया ...माँ जगदम्बे आप सब पर मेहरबान रहें खुश रखें
भ्रमर ५
मर तो सकता है किसी पर कोई ,कौन किसके लिए जिया यारों ?
बहुत खूब.....वाह वाह.
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