मेरी १०० वीं पोस्ट
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! मैं अपने हर समर्थक, शुभचिंतक तथा पाठक से , अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
अगर पराजय भी हो , तो क्या , कल फिर से तैयारी होगी /
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में ,
लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में ,
ऐसी हार , हार तो होगी , लेकिन एक - दम न्यारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/शत्रु प्रबल कितना भी हो , पर मरने से वह भी डरता है ,
सीधे सींगों वाले पशु का , कौन सामना कब करता है ,
तूफानी हर लहर सदा , चट्टानों से लड़ हारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
पीछे रह ललकार लगाने वाला , युद्ध नहीं लड़ सकता ,
जिसकी निष्ठा अविश्वस्त हो , वह नेतृत्व नहीं कर सकता,
जो खुद में भयभीत , भला उसमें कितनी खुद्दारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
77 comments:
aapki 100 post ke liye bahutbahut badhai...........
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में , लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में
bilkul satya kaha hai aapne......aisa hi hona chahiye.......behad sunder prastuti ke liye hardik badhai
100th post ke liye ..badhai evam shubhkamnayen...utkrisht lekhan ka pahla padav ....safar zari rahe ....
देखी रचना ताज़ी ताज़ी --
भूल गया मैं कविताबाजी |
चर्चा मंच बढाए हिम्मत-- -
और जिता दे हारी बाजी |
लेखक-कवि पाठक आलोचक
आ जाओ अब राजी-राजी |
क्षमा करें टिपियायें आकर
छोड़-छाड़ अपनी नाराजी ||
http://charchamanch.blogspot.com/
really a good post...
बिना संकल्प के नेतृत्त्व करना असंभव है ...बहुत ही सुन्दर ...जोश भरने वाला
१०० वीं पोस्ट के लिए बधाई ...
शत्रु प्रबल कितना भी हो , पर मरने से वह भी डरता है ,
सीधे सींगों वाले पशु का , कौन सामना कब करता है ,
सार्थक आह्वान करती रचना .. बहुत अच्छी और ओज पूर्ण भाव लिए हुए सुन्दर प्रस्तुति
वाह बेहतरीन !!!!
100 वीं पोस्ट पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाइयाँ
यह सफर निरंतर चलता रहे ..शुभकामनायें .
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत - बहुत बहुत - बहुत बधाई ....यह सिलसिला यों ही बना रहे
100 bi post par bahut bahut badhai , aap yun hi nirantar likhte rahiye, aapki kavitayen humesha aage badne ke liye prerit karti hain,
bahut bahut badhai
congratulation.....
हुंकार के साथ लिखी गई है 100वीं पोस्ट!
बहुत-बहुत बधाई हो आपको!
aapko 100vi post ki hardik shubhkamnaye...
stya vachan kuchh bhi banna par kayar mat banna....... NIce & very true....
bahut hi khoobsurat likha hai....
100vi post par bahut badhaiyaan...mubarkbad.....
शतकीय पोस्ट की बधाई हो।
कविता का ओजस्वी भाव प्रभावित करता है ...सौवीं पोस्ट पर बधाई और शुभकामनाएँ
आपकी १०० वीं प्रेरणास्पद पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई.सुन्दर लेखन जारी रहे ,यही दुआ है.
समय निकालकर मेरे ब्लॉग पर पधारियेगा.
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में , लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में
बहुत सुन्दर शुक्ला जी सच में आपको बहुत बहुत बधाई हो १०० वीं पोस्ट की
और मेरे ब्लाग आगमन एवं मेरे मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद
MITRA-MADHUR
आप रचनात्मक ऊर्जा से भरे हुए हैं। आपकी गहरी संवेदना, अनुभव और अंदाज़े बयां आपकी रचनाओं में खुलकर प्रकट हुए हैं।
आज आपकी ब्लॉग यात्रा की सौवीं मंजिल पूरी हुई है। और भी अनेक ऊंचाइयां आप छूएं यही कामना है।
शत्रु प्रबल कितना भी हो ,पर मरने से वह भी डरता है ,
सीधे सींगों वाले पशु का , कौन सामना कब करता है ,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
१०० वीं पोस्ट के लिए बधाई ...
शतक लगाया आपने,
देश को इन्तजार था सचिन का,
कोई बात नहीं शायद सचिन आपसे प्रेणना पा ले कुछ सीख ले ले,
अब हमें इन्तजार रहेगा,
दोहरे व तिहरे शतक का भविष्य बतायेगा कि
वे कितने धमाकेदार होंगे।
शत्रु प्रबल कितना भी हो , पर मरने से वह भी डरता है ,
सीधे सींगों वाले पशु का , कौन सामना कब करता है ,
तूफानी हर लहर सदा , चट्टानों से लड़ हारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
100vi post himmat deti hui
शतकीय पोस्ट की बहुत -बहुत बधाई ,ये सफर यों ही जारी रहे .....
100 v post ke liye badhayi.
aapke blog par aakar hamesha hi bahut acchha srijan padhne ko mila aur sada saty se ru-b-ru karata hua raha.
yah rachna bhi josh se bhar dene wali aur seekh dene wali rachna hai. aap se ek anugrah hai ki aap bhi jab dusron ko tippani de to khule man se bina hichak ke acchhaiya aur kamiya bataye.
sadar
anamika
एक सौवीं पोस्ट के लिये हार्दिक बधाईयाँ.
आप सशक्त कलम के धनी हैं.आपसे हमने बहुत कुछ सीखा है.मात्रा,यति ,गति,लय,छंद सभी सटीक होते हैं.भाव और प्रवाह देखते ही बनता है.इनमें आव्हान और प्रेरणा है.सफल लेखन वही जो समाज को एक नई दिशा देता है.बस यूँ ही लिखते रहिये और समाज को नई दिशा देते रहिये.पुन: शुभ कामनायें.
वह तरकस क्या ? जिसमें कि एक भी, जन-मन भेदी बाण नहीं
वह कोठी भूसा – भरी व्यर्थ , जिसमें दो दाना धान नहीं
उसको सागर कहना फिजूल , जिसमें लहरें – तूफान नहीं
वह कविता क्या जिसमें, युग-परिवर्तन-बल उच्च उड़ान नहीं
वह कवि क्या जिसे कि
सत्यम् शिवम् सुंदरम् का हो भान नहीं
कविता करना आसान नहीं.
(सौजन्य:जनकवि स्व.कोदुराम"दलित"
siyanigoth
अच्छा लगा। मेरे ब्लाग पर आने के लिए आपका आभार। कविता प्रवाहमयी है।
'कुछ करना कायर मत बनाना '
एक अच्छी प्रस्तुति |आज १०० वी पोस्ट के लिए मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
bahut bahut bdahi...
bahut bahut badhai..
शुक्रवार
http://charchamanch.blogspot.com/
रिय शुक्ल जी ,
आपकी शतकीय पोस्ट की ख़ुशी में आपके साथ शामिल हूँ। इस उपलब्धि पर एक पार्टी तो due हो ही जाती है। जब से आपको पढना शुरू किया है , आपके दोनों चिट्ठों पर बेहतरीन प्रविष्टियाँ पढने को मिली हैं। यह कविता बेहद ओजमयी एवं प्रेरणादायी है। आपकी लेखनी सतत चलती रहे.....शुभकामनाएं।
aadarniy sir
sarv pratham aapko is shatak ke liye hardik bdhai.
aapki rachna bahut hi oj purn aur prerak lagi. bahut hi badhiya prastuti ke liye badhai swikaren
sadar naman
poonam
behad sunder likhe hain.....mubarak ho 100 post ke liye.
prabhaav shali kavita achchi seekh deti hui.sovi post par badhaai.
जोश भरी और विजय की ओर उन्मुख करती हुई रचना.. बधाई!
शत्रु प्रबल कितना भी हो,
पर मरने से वह भी डरता है,
सीधे सींगों वाले पशु का,
कौन सामना कब करता है,
तूफानी हर लहर सदा,
चट्टानों से लड़ हारी होगी..
कुछ बनना,कायर मत बनना,
अंतिम विजय तुम्हारी होगी...
बहुत ही ओजपूर्ण टंकार | शुक्ला जी, आपकी सौंवी रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई | माँ सरस्वती का आप पर यूँ ही वरदान रहे, आपका यह सफ़र यूँ ही चलता रहे.....
Amrendra Amar ji,
Anupama ji,
Ravikar ji,
Babban pandey ji
आपके स्नेह - समर्थन का बहुत-बहुत आभार , यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
Shraddheya Sangita ji
आपके स्नेहाशीष का बहुत-बहुत आभारी हूँ, यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
Sanjay bhasker ji,
Sanjay chaurasiya ji,
sagar ji,
Roopchandra shastri ji
आपके स्नेह - समर्थन , उत्साहवर्धन का बहुत आभारी हूँ, यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
Sandhya sharma ji,
Kumar ji,
Pravin pandey ji,
Meenakshi ji
आपके स्नेह - समर्थन का बहुत-बहुत आभार .उत्साहवर्धन का आभारी हूँ, धन्यवाद
Rakesh kumar ji,
Neel kamal ji,
Manoj ji,
Rajani malhotra ji
आपके उत्साहवर्धन का बहुत आभारी हूँ, यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
Sandip panwarji,
Rashmi prabha ji,
Rekha ji,
Anamika ji
आपके स्नेह - समर्थन का बहुत-बहुत आभार यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
ARUN NIGAM JI,
CHANDAN MISRA JI,
ASHA JI,
POONAM JI,
RAVIKAR JI
आपके स्नेहाशीष का बहुत-बहुत आभार , यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
ZEAL JI,
POONAM(JHAROKHA)JI,
MRIDULA PRADHAN JI,
RAJESH KUMARI JI,
ANITA JI,
ROLI PATHAK JI
आपके स्नेह - समर्थन का बहुत-बहुत आभार ,उत्साहवर्धन का बहुत आभारी हूँ, यह स्नेह आगे भी बनाए रखेंगे , ऐसी अपेक्षा है . धन्यवाद
आदरणीय शुक्ल जी सौवीं पोस्ट के लिए बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं |अच्छी और आशावादी कविता बधाई और शुभकामनाएं |
आदरणीय शुक्ल जी सौवीं पोस्ट के लिए बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं |अच्छी और आशावादी कविता बधाई और शुभकामनाएं |
आदरणीय शुक्ल जी सौवीं पोस्ट के लिए बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं |अच्छी और आशावादी कविता बधाई और शुभकामनाएं |
शतकीय पोस्ट की बहुत बधाई.लेखनी का यह सफर चलता रहे.
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शुक्ल जी ! बहुत ऊर्जावान कविता है आपकी। सौ वीं पोस्ट के लिये वधाई आपको। एक सुझाव है कि आप अपनी कविता के साथ अपना नाम भी पोस्ट किया करें (रचनाकार के रूप में)। आप बहुत अच्छा और सारगर्भित लिखते हैं और इससे भी अधिक खास बात ये है कि आप अनेक लोगों के ब्लाग को पढ़ते हैं, यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। हिन्दी माह के अन्तर्गत आपकी सौ पोस्ट पूरी हो रही हैं, आपके इस योगदान के लिये भी आपको वधाई। हिन्दी विकिपीडिया पर भी अब हिन्दी के सम्मानजनक पृष्ठ हैं, कभी कभी वहाँ भी भ्रमण करते रहियेगा। एक बार आपको पुनः वधाई।
यह सफर निरंतर चलता रहे ..शुभकामनायें .
१०० वीं पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई ...
अगर पराजय भी हो , तो क्या ,
कल फिर से तैयारी होगी /
क्या शानदार शतकीय रचना....
प्रेरक....
सादर बधाई....
विजय की ओर उन्मुख करती हुई सुन्दर रचना.. १००वीं पोस्ट के लियए बहुत बहुत बधाई!...
100 वीं पोस्ट पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाइयाँ ...
आस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना !
हार्दिक बधाई ...सतत लेखन की शुभकामनायें
Apko BAhut Bahut Badhai...
सार्थक आह्वान करती रचना|
100 वीं पोस्ट पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ|
बहुत सुन्दर और सशक्त रचना के साथ शतक लगाया है । बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ।
Jai krishan ray tushar ji,
Shikha varshney ji,
Dr. vyom ji
आपके स्नेह-समर्थन का बहुत- बहुत आभार
SUNIL KUMAR JI,
S. M. HABEEB JI,
MAHESHWARI KANERI JI,
उत्साहवर्धन का आभारी हूँ , धन्यवाद
Dr. SHARAD SINGH JI,
Dr. MONIKA SHARMA JI,
PYARE SE , CHAITANYA JI
उत्साहवर्धन का कृतज्ञ हूँ. आभार धन्यवाद
PATALI JI,
Dr. T. S. Daral ji
ब्लॉग पर आने और उत्साहवर्धन का कृतज्ञ हूँ. आभार ,धन्यवाद
मान्यवर शुक्ला जी ,आपकी १००वी पोस्ट के अवतरण के अवसर पर आपको हार्दिक शुभ कामना और १००० वीं पोस्ट तक के सफर को भी जल्दी देखने की इच्छा ,..तेज और ओज से भरी रचना की बधाई स्वीकार करें ..
♥
आदरणीय एस एन शुक्ल जी
सादर प्रणाम !
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सर्वप्रथम तो
* ब्लॉग पर १००वीं प्रविष्टि अर्थात् पहले शतक के लिए हार्दिक बधाई ! *
इतने समर्पित हैं आप …
निस्संदेह आपका भावी सफ़र भी बहुत शानदार-जानदार होगा ।
आपके लिए संपूर्ण हृदय से मंगलकामनाएं हैं !
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…और प्रस्तुत रचना के लिए कुछ भी कहूंगा , कम ही होगा ।
वाह वाऽऽह ! क्या ख़ूब लिखा है-
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी
अगर पराजय भी हो , तो क्या , कल फिर से तैयारी होगी
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में ,
लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में ,
ऐसी हार , हार तो होगी , लेकिन एक - दम न्यारी होगी
सच , एक मौन साधक की भांति बिना दावेदारियां किये' बहुत श्रेष्ठ लिखते हैं आप ! नमन !!
अरुण कुमार निगम जी ने , जो स्वयं बहुत अच्छे गीतकार और छंद के ज्ञाता हैं - वह सब कह दिया जो मैं कहना चाह रहा था …
और डॉ. जगदीश व्योम जी की बात पर भी ग़ौर कीजिएगा …
रचनाकार के रूप में आप अपनी कविता के साथ अपना नाम भी अवश्य पोस्ट किया करें ।
ख़ूबसूरत पसंदीदा पोस्ट पर कुछ विलंब से हाज़िर हुआ … लेकिन आत्मिक आनन्द ले’कर लौट रहा हूं …
पुनः ♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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सबसे पहले १०० वीं पोस्ट के लिए बधाई ..आपका ब्लॉग इसी तरह दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहे,
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में ,
लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में ,
ऐसी हार , हार तो होगी , लेकिन एक - दम न्यारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
हमेशा की तरह एक बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति
मेरे किसी भी ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है !आपका सवाई सिंह राजपुरोहित शुभकामनाओं सहित........
सबसे पहले देर से आने के लिए क्षमा | आपकी सौवीं पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई | इश्वर से कामना करते हैं आप इसी तरह कई सैकड़ा बनाये |
बहुत बाध्य रचना के साथ आपने शतक मारा है | बधाई |
मेरे ब्लॉग में आते रहे-
मेरी कविता
ऊर्जस्विता पूर्ण कविता के लिए बधाई ....सत्य है...
अगर पराजय भी हो,तो क्या ,
कल फिर से तैयारी होगी ....
उत्साहवर्धक कविता. वाह...... दिल को छू गयी.
१०० वीं पोस्ट के लिए बधाई .
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में ,
लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मनरे में ,
ऐसी हार , हार तो होगी , लेकिन एक - दम न्यारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
.....बिलकुल सच कहा है..बहुत ओजपूर्ण और प्रेरक प्रस्तुति..
१००वीं पोस्ट की हार्दिक शुभकामनाएं !
aapki 100 post ke liye bahut bahut badhai.....josh bharne wali post hai sath hi pathpradarshan bhi karti hai
kamlesh ji,
Rajendra ji,
Sawai singh ji
आभारी हूँ आपके स्नेह और समर्थन का ,यह स्नेह भविष्य में भी मिलता रहे ,यही अपेक्षा है .
Pradip ji,
Dr. Shyam ji,
Ankit ji
आभारी हूँ आपके स्नेह और उत्साहवर्धन का , धन्यवाद .
Kailash sharma ji,
Kanu ji
आभारी हूँ आपके स्नेह और समर्थन का ,यह स्नेह भविष्य में भी मिलता रहे .
उत्साहवर्धन का , धन्यवाद .
आभारी हूँ आपके स्नेह और समर्थन का ,यह स्नेह भविष्य में भी मिलता रहे ,यही अपेक्षा है .
आभारी हूँ आपके स्नेह और उत्साहवर्धन का , धन्यवाद .
congrats for 100th post.
बढ़िया.पढ़कर अच्छा लगा.
Virendra ji,
Kunwar Kushumesh ji
आपके स्नेह का आभारी हूँ , रचना की प्रशंसा के लिए धन्यवाद .
प्रसंशा के लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास....
शायद बहुत दिनों के बाद किसी की इतनी सुन्दर रचना पढ़ने को मिली है.....जिसमें भाव है,एक एक शब्द सुनियिजित,सुप्रयिजित और सशक्त है..!
आपकी लेखनी को नमन..!!
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