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Wednesday, September 28, 2011

(103) कौन किसके लिए जिया

तुमने जो भी सिला दिया यारों ,
हमने शिकवा कहाँ किया यारों ?

मर तो सकता है किसी पर कोई ,
कौन किसके लिए जिया यारों ?

दो कदम साथ चले भी तो बहुत ,
कद्रदानी का शुक्रिया यारों /

जख्म देना जहाँ की फितरत है ,
जिसने जो भी दिया , लिया यारों /

अब तो रूख्सत के वक़्त माफ़ करो ,
छोड़ दो मुझको , तखलिया यारों /

कौन किसके लिए ---जिया यारों //




18 comments:

अमरनाथ 'मधुर'امرناتھ'مدھر' said...

बहुत शानदार गजल है |बधाई |

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया!
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की मंगलकामनाएँ!

प्रवीण पाण्डेय said...

सच ही है।

vandana gupta said...

सच कहा………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर ...मन के भावों को कहती हुई गज़ल

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... लाजवाब शेर बन पढ़े हैं सब ... जानदार गज़ल है ..

Suman Dubey said...

शुक्ला जी नमस्कार्। सुन्दर गजल के शब्द कौन किसके -----

Suman Dubey said...

शुक्ला जी नमस्कार्। सुन्दर गजल के शब्द कौन किसके -----

डा० व्योम said...

बहुत सुन्दर विचारों को आपने गज़ल में व्यक्त किया है, वधाई।

महेन्‍द्र वर्मा said...

बढि़या ग़ज़ल लिखी है आपने।
सभी शेर अच्छे लगे।

S.N SHUKLA said...

Amarnath Madhur ji,
Dr. Roopchandra Shastri ji,
Ravikar ji
आपके स्नेह का आभारी हूँ , रचना की प्रशंसा के लिए धन्यवाद .

S.N SHUKLA said...

Pravin Pandey ji,
Vandana ji,
Sangita ji

आप जैसे मित्रों से सदैव स्नेह मिला , रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का आभार.

S.N SHUKLA said...

Pravin Pandey ji,
Vandana ji,
Sangita ji

आप जैसे मित्रों से सदैव स्नेह मिला , रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का आभार.

S.N SHUKLA said...

Digamber Naswa ji,
Suman Dubey ji,
Dr.Vyom ji,
Mahendra verma ji
आपके स्नेहाशीष का ह्रदय से आभारी हूँ .
बहुत- बहुत आभार शुभकामनाओं के लिए.

Rewa Tibrewal said...

bahut bahut sundar prastuti.......

S.N SHUKLA said...

REWA JI
आपके स्नेह , समर्थन और प्रशंसा का ह्रदय से आभार .

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीय शुक्ल जी छोटी सी रचना ने बड़ी बातें कह दीं ...मन को छू गयी रचना .....आभार और धन्यवाद...... अपना स्नेह और समर्थन देते रहें कृपया ...माँ जगदम्बे आप सब पर मेहरबान रहें खुश रखें
भ्रमर ५

मर तो सकता है किसी पर कोई ,कौन किसके लिए जिया यारों ?

vidya said...

बहुत खूब.....वाह वाह.