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Friday, August 17, 2012

(163) ये दुनिया दीवानी होगी

जड़ी शीशे में जो तस्वीर पुरानी होगी  /
नयी तामीर तुझे खुद से करानी  होगी  /

आइना  सिर्फ  दिखाता  है  बाहरी  सूरत  ,
क्या वो तस्वीर , किसी रूह की मानी होगी ?

शराब सी ये ज़िंदगी है , बहकना न कहीं  ,
आग में आग  और पानी में पानी होगी  /

ज़िंदगी रोज नए रंग बदलती है खुद  ,
ज़िंदगी है , तो नयी रोज कहानी होगी /

गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये  जो  तसवीर  नयी  है  ,  तो  पुरानी  होगी  /

कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें  ,
तुम्हारे  नाम  की  , ये  दुनिया  दीवानी  होगी /

                              - एस . एन . शुक्ल 

56 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

तस्वीर पुरानी होगी ही ...तो नाज़ किस बात का..
बेहतरीन गज़ल

सादर
अनु

विभा रानी श्रीवास्तव said...

गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी /
बहुत खूब ... सच्चाई से रु ब रु करा दी आपने !

Ramakant Singh said...

दुनिया माने न माने हम तो आपके कदरदान हैं

Vaanbhatt said...

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती...खूबसूरत ग़ज़ल...

आनन्द विश्वास said...

अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास said...

अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास said...

अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद

आनन्द विश्वास

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...


कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी ,,,,,

RECENT POST...: शहीदों की याद में,,

udaya veer singh said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति!...

आनन्द विश्वास said...

अति सुन्दर मन भावन रचना। मन की गहराईयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
प्रभावशाली अभिव्यक्ति।
साधुवाद।

आनन्द विश्वास

S.N SHUKLA said...

Anu ji,
Vibha ji,
Shastri ji,

आप मित्रों का स्नेह हमें नव सृजन की प्रेरणा देता है. आभारी हूँ

S.N SHUKLA said...

Ramakant ji,
Vanbhatt ji,

आभारी हूँ आपकी शुभकामनाओं का.

S.N SHUKLA said...

Anand viswash ji,

आभार आपके ब्लॉग पर आगमन और शुभकामनाओं का.

S.N SHUKLA said...

Dheerendra ji,
Uday veer ji,


आभारी हूँ आपकी शुभकामनाओं का.

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत बेहतरीन गजल ..
बहुत सुन्दर
:-)

शूरवीर रावत said...

Prerak gazal. Aabhar !

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है...
~सादर !!!

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है..
~सादर !!!

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है..
~सादर !!!

कविता रावत said...

गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी /
..
सच तो यही है की आखिर में कुछ अच्छा किया ही याद रखा जाता है ..
बहुत सुन्दर सार्थक रचना ..

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 19/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Anonymous said...

खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो
कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..

हमारी फिल्म का संगीत वेद
नायेर ने दिया है... वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से
मिलती है...
Feel free to visit my blog ... खरगोश

विभूति" said...

behtreen gazal...

अजय कुमार said...

shaanadaar gajal , badhaayi

अजय कुमार said...

shaanadaar gajal , badhaayi

Jeevan Pushp said...

हमेशा की तरह बेहतरीन सृजन....!
आभार !

S.N SHUKLA said...

Reena ji,

आभारी हूँ आपके स्नेह का .

S.N SHUKLA said...

Subir rawat ji,
Anita ji,
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का बहुत -बहुत आभार .

S.N SHUKLA said...

Kavita Rawat ji,
Yashavant ji,
Sushmaji,
.
आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत- बहुत आभार.

S.N SHUKLA said...

Ajai kumar ji,
Manish singh ji,

स्नेह मिला , यह स्नेह मिलता रहे , यही अपेक्षा है.

Rakesh Kumar said...

बहुत सुन्दर गजल,शुक्ला जी.
आभार.

Prakash Jain said...

bahut khoob...

Nityanand Gayen said...

बहुत सुंदर

Nityanand Gayen said...

बहुत सुंदर

Prabodh Kumar Govil said...

bhai, bhavishyakaal ko kyon istemaal kar rahe hain kavita men, aapke naam ki to duniya deewani ho chuki!

मन्टू कुमार said...

अतिसुंदर...प्रेरणात्मक..

"मन के कोने से..."

प्रेम सरोवर said...

बेहतरीन प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 said...

जिंदगी की असलियत को लेखक की अज़ीम दृष्टि से देखना, बहुत अच्छा लेखन ...बधाई

मदन शर्मा said...

आज कल मै बहुत ही कम ब्लॉग पर आ पाता हू
हम तो मस्त फकीर हमारा कोई नहीं ठिकाना रे
जैसा अपना आना प्यारे, वैसा अपना जाना रे...
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

खूबसूरत! उम्दा भाव संयोजन...
ख़ास कर ये:
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी!
आशीष
--
द टूरिस्ट!!!

गीता पंडित said...

वाह.. बहुत सुंदर भाव ..
आभार

Onkar said...

बहुत सुन्दर ग़ज़ल

प्रवीण पाण्डेय said...

दुनिया को दीवाना करना,
अपनी हद से और गुजरना।

S.N SHUKLA said...

Rakesh kumar ji,
Prakash jain ji,

स्नेह मिला, आभारी हूँ.

S.N SHUKLA said...

Nityanand ji,
Prabodh kumar Govil ji,
Mantu kumar ji,

ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभार.

S.N SHUKLA said...

Prem ji,
Kamalesh verma ji,
Madan sharma ji,

आप मित्रों के स्नेह का आभार.

S.N SHUKLA said...

Ashish ji,
Geeta pandit ji,
आपकी शुभकामनाओं का बहुत - बहुत आभार, धन्यवाद.

S.N SHUKLA said...

Onkar ji,
Pravin pandey ji,

आपका समर्थन पाकर सार्थक हुयी रचना.

Sanju said...

nice presentation....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.

Noopur said...

gehra ehsas...

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... कमाल के शेर हैं सभी इस गज़ल के ...

Sanju said...

nice presentation....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.

S.N SHUKLA said...

Sanju ji,
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद .

S.N SHUKLA said...

Noopur ji,

ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभारी हूँ.

S.N SHUKLA said...

Digambar Naswa ji,

आभार आपके इस स्नेह का .

देवेन्द्र पाण्डेय said...

इसके लिए तो बस एक ही शब्द है...

वाह!