जड़ी शीशे में जो तस्वीर पुरानी होगी /
नयी तामीर तुझे खुद से करानी होगी /
आइना सिर्फ दिखाता है बाहरी सूरत ,
क्या वो तस्वीर , किसी रूह की मानी होगी ?
शराब सी ये ज़िंदगी है , बहकना न कहीं ,
आग में आग और पानी में पानी होगी /
ज़िंदगी रोज नए रंग बदलती है खुद ,
ज़िंदगी है , तो नयी रोज कहानी होगी /
गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी /
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी /
- एस . एन . शुक्ल
नयी तामीर तुझे खुद से करानी होगी /
आइना सिर्फ दिखाता है बाहरी सूरत ,
क्या वो तस्वीर , किसी रूह की मानी होगी ?
शराब सी ये ज़िंदगी है , बहकना न कहीं ,
आग में आग और पानी में पानी होगी /
ज़िंदगी रोज नए रंग बदलती है खुद ,
ज़िंदगी है , तो नयी रोज कहानी होगी /
गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी /
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी /
- एस . एन . शुक्ल
56 comments:
तस्वीर पुरानी होगी ही ...तो नाज़ किस बात का..
बेहतरीन गज़ल
सादर
अनु
गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी /
बहुत खूब ... सच्चाई से रु ब रु करा दी आपने !
दुनिया माने न माने हम तो आपके कदरदान हैं
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती...खूबसूरत ग़ज़ल...
अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद
आनन्द विश्वास
अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद
आनन्द विश्वास
अति सुन्दर मन-भावन रचना। मन की गहराइयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
सार्थक प्रयास।
साधुवाद
आनन्द विश्वास
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी ,,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
बहुत अच्छी प्रस्तुति!...
अति सुन्दर मन भावन रचना। मन की गहराईयों को छूने वाली हृदयस्पर्शी रचना।
प्रभावशाली अभिव्यक्ति।
साधुवाद।
आनन्द विश्वास
Anu ji,
Vibha ji,
Shastri ji,
आप मित्रों का स्नेह हमें नव सृजन की प्रेरणा देता है. आभारी हूँ
Ramakant ji,
Vanbhatt ji,
आभारी हूँ आपकी शुभकामनाओं का.
Anand viswash ji,
आभार आपके ब्लॉग पर आगमन और शुभकामनाओं का.
Dheerendra ji,
Uday veer ji,
आभारी हूँ आपकी शुभकामनाओं का.
बहुत बेहतरीन गजल ..
बहुत सुन्दर
:-)
Prerak gazal. Aabhar !
बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है...
~सादर !!!
बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है..
~सादर !!!
बहुत सुंदर रचना !
मीठा हो या क़सैला..हर लम्हे को पीना है..
आने वाले कल को भी तो..हर हाल में संजोना है..
~सादर !!!
गुमान कर न अपने हुस्न , रंग -ओ -खुशबू का ,
ये जो तसवीर नयी है , तो पुरानी होगी
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी /
..
सच तो यही है की आखिर में कुछ अच्छा किया ही याद रखा जाता है ..
बहुत सुन्दर सार्थक रचना ..
कल 19/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो
कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद
नायेर ने दिया है... वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से
मिलती है...
Feel free to visit my blog ... खरगोश
behtreen gazal...
shaanadaar gajal , badhaayi
shaanadaar gajal , badhaayi
हमेशा की तरह बेहतरीन सृजन....!
आभार !
Reena ji,
आभारी हूँ आपके स्नेह का .
Subir rawat ji,
Anita ji,
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का बहुत -बहुत आभार .
Kavita Rawat ji,
Yashavant ji,
Sushmaji,
.
आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत- बहुत आभार.
Ajai kumar ji,
Manish singh ji,
स्नेह मिला , यह स्नेह मिलता रहे , यही अपेक्षा है.
बहुत सुन्दर गजल,शुक्ला जी.
आभार.
bahut khoob...
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर
bhai, bhavishyakaal ko kyon istemaal kar rahe hain kavita men, aapke naam ki to duniya deewani ho chuki!
अतिसुंदर...प्रेरणात्मक..
"मन के कोने से..."
बेहतरीन प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जिंदगी की असलियत को लेखक की अज़ीम दृष्टि से देखना, बहुत अच्छा लेखन ...बधाई
आज कल मै बहुत ही कम ब्लॉग पर आ पाता हू
हम तो मस्त फकीर हमारा कोई नहीं ठिकाना रे
जैसा अपना आना प्यारे, वैसा अपना जाना रे...
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
खूबसूरत! उम्दा भाव संयोजन...
ख़ास कर ये:
कुछ ऐसा कर के गुज़र , लोग वाह - वाह कहें ,
तुम्हारे नाम की , ये दुनिया दीवानी होगी!
आशीष
--
द टूरिस्ट!!!
वाह.. बहुत सुंदर भाव ..
आभार
बहुत सुन्दर ग़ज़ल
दुनिया को दीवाना करना,
अपनी हद से और गुजरना।
Rakesh kumar ji,
Prakash jain ji,
स्नेह मिला, आभारी हूँ.
Nityanand ji,
Prabodh kumar Govil ji,
Mantu kumar ji,
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभार.
Prem ji,
Kamalesh verma ji,
Madan sharma ji,
आप मित्रों के स्नेह का आभार.
Ashish ji,
Geeta pandit ji,
आपकी शुभकामनाओं का बहुत - बहुत आभार, धन्यवाद.
Onkar ji,
Pravin pandey ji,
आपका समर्थन पाकर सार्थक हुयी रचना.
nice presentation....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
gehra ehsas...
बहुत खूब ... कमाल के शेर हैं सभी इस गज़ल के ...
nice presentation....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
Sanju ji,
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद .
Noopur ji,
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभारी हूँ.
Digambar Naswa ji,
आभार आपके इस स्नेह का .
इसके लिए तो बस एक ही शब्द है...
वाह!
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