देश की बिगड़ी जो कहानी है/
यह सियासत की मेहरबानी है /
लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार ही अभिशाप है,
किन्तु राजनीति तो उसका भी बाप है /
यहाँ बेतरह भाई - भतीजावाद है ,
परिवारवाद है, रिश्तेदारावाद है ,
और उससे भी बढ़कर -
राजनैतिक अवसरवाद है /
राजनेता !
तिकड़म के बीज बोते हैं ,
अलगाववाद की पौध उगाते -
और अवसरवाद की फसल काटते हैं /
वे प्रशासन से लेकर समाज तक -
अपने स्वार्थ साधने के लिए,
लोगों को फिरकों में बाटते हैं /
आम आदमी की भावनाओं से खेलते -
और एक दूसरे की गोद में बैठ -
तिकड़म की मलाई चाटते हैं/
रिश्वत इसी अवसरवाद की औलाद है ,
पत्नी बेवफाई है /
छल , प्रपंच, झूठ , मक्कारी जैसे भाई- भतीजे ,
और इसकी माँ खुद हरजाई है /
ढकोसलेबाजी और हेरा-फेरी ,
इस अवसरवाद की दादी- नानी है /
इसीलिये -
राजनीतिबाजों की आँखों का मर चुका पानी है /
यहाँ शाक- भाजी के भाव बिकता है ज़मीर /
घोर सैद्धांतिक विरोधियों की गठबंधन सरकारें ,
क्या इससे बड़ी हो सकती है-
अवसरवाद की दूसरी नजीर ?
ईमानदारी , नैतिकता और आदर्श ,
राजनीति के क्रीत दास हैं /
जो फटेहाल , चीथड़ों में -
इस देश के नंगे- भूखों के पास हैं /
आप राजनेताओं से -
भ्रष्टाचार से लड़ने की अपेक्षा करते हैं ?
अरे सिद्धांत और नैतिकता तो-
यहाँ पानी भरते हैं /
सड़ चुका है भ्रष्टाचार का घाव ,
और देश -
मरणासन्न सा बीमार है /
इसे वैद्य की दवा की नहीं-
किसी शल्य चिकित्सक की दरकार है /
जो सड़े अंग को -
बेरहमी से काट सके /
और लोकतंत्र पर छा चुके ,
काले बादलों को छाँट सके /
- एस.एन.शुक्ल
यह सियासत की मेहरबानी है /
लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार ही अभिशाप है,
किन्तु राजनीति तो उसका भी बाप है /
यहाँ बेतरह भाई - भतीजावाद है ,
परिवारवाद है, रिश्तेदारावाद है ,
और उससे भी बढ़कर -
राजनैतिक अवसरवाद है /
राजनेता !
तिकड़म के बीज बोते हैं ,
अलगाववाद की पौध उगाते -
और अवसरवाद की फसल काटते हैं /
वे प्रशासन से लेकर समाज तक -
अपने स्वार्थ साधने के लिए,
लोगों को फिरकों में बाटते हैं /
आम आदमी की भावनाओं से खेलते -
और एक दूसरे की गोद में बैठ -
तिकड़म की मलाई चाटते हैं/
रिश्वत इसी अवसरवाद की औलाद है ,
पत्नी बेवफाई है /
छल , प्रपंच, झूठ , मक्कारी जैसे भाई- भतीजे ,
और इसकी माँ खुद हरजाई है /
ढकोसलेबाजी और हेरा-फेरी ,
इस अवसरवाद की दादी- नानी है /
इसीलिये -
राजनीतिबाजों की आँखों का मर चुका पानी है /
यहाँ शाक- भाजी के भाव बिकता है ज़मीर /
घोर सैद्धांतिक विरोधियों की गठबंधन सरकारें ,
क्या इससे बड़ी हो सकती है-
अवसरवाद की दूसरी नजीर ?
ईमानदारी , नैतिकता और आदर्श ,
राजनीति के क्रीत दास हैं /
जो फटेहाल , चीथड़ों में -
इस देश के नंगे- भूखों के पास हैं /
आप राजनेताओं से -
भ्रष्टाचार से लड़ने की अपेक्षा करते हैं ?
अरे सिद्धांत और नैतिकता तो-
यहाँ पानी भरते हैं /
सड़ चुका है भ्रष्टाचार का घाव ,
और देश -
मरणासन्न सा बीमार है /
इसे वैद्य की दवा की नहीं-
किसी शल्य चिकित्सक की दरकार है /
जो सड़े अंग को -
बेरहमी से काट सके /
और लोकतंत्र पर छा चुके ,
काले बादलों को छाँट सके /
- एस.एन.शुक्ल
28 comments:
waah!!
करारा व्यंग..
बेहतरीन.
लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार ही अभिशाप है,
किन्तु राजनीति तो उसका भी बाप है /
यहाँ बेतरह भाई - भतीजावाद है ,
परिवारवाद है, रिश्तेदारावाद है ,
आज के हालात का सही सही चित्रण... जाने कब राजनीति की रात खत्म होगी और सुबह आएगी...
वाह क्या बात है...राजनीति की सच्ची तस्वीर दिखा दी आप ने इन शब्दों के माध्यम से. हमारे ब्लॉग पे आने के लिए धन्यवाद.
वाह क्या बात है...राजनीति की सच्ची तस्वीर दिखा दी आप ने इन शब्दों के माध्यम से. हमारे ब्लॉग पे आने के लिए धन्यवाद.
मर्ज गहरा है, दर्द भी गहरा,
कल पर बढ़ता कर्ज भी गहरा..
बहुत सटीक चित्रण...
सामाजिक हालातों पर आपकी लेखनी बहुत सशक्त है.
सड़ चुका है भ्रष्टाचार का घाव ,
और देश -
मरणासन्न सा बीमार है /
इसे वैद्य की दवा की नहीं-
किसी शल्य चिकित्सक की दरकार है
ek dam saamyik aur sateek baat kahi hai aapne shukla ji. achee rachna achchaa pravaah badhai
sateek prastuti aaj k haalaton par.
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति । मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बहुत ही ओजपूर्ण रचना पढ़ने को मिली ......रचना में यथार्थ परिस्थितियों का दर्शन एवम समाधान पर चिंतन भी है ....निहसंदेह एक तीखा बिम्ब ....बधाई शुक्ल जी ....साथ ही आभार .
vidya ji,
Anita ji,
प्रशंसा के लिए बहुत - बहुत आभार,यही स्नेह बनाए रखियेगा.
Shashi pandey ji,
आपकी शुभकामनाओं का आभारी हूँ.
Pravin pandey ji,
Kailash sharma ji,
आप मित्रों का स्नेह मिला , आभारी हूँ.
Shikha ji,
Dr. Roopchand Shastri ji,
आप शुभचिंतकों से इसी स्नेह की अपेक्षा हमेशा रही है, धन्यवाद.
Kushwansh ji,
Anamika ji,
प्रशंसा मिली , आभार, धन्यवाद.
prem ji,
Naveen ji,
आप ब्लॉग पर पधारे, स्नेह मिला, आभार
क्या बात !!!
kalamdaan.blogspot.com
आदरणीय शुक्ल जी बहुत सुंदर व्यंग्य |
RITU JI,
JAIKRISHAN RAY TUSHAR JI,
आपकी उदारमना प्रतिक्रियाओं का आभारी हूँ.
behtaraan vyangy sir..
haalat to jag jaahir hain in neta k..
neta kam abhineta zyaada hai..
Behtareen kataakhs sir..
haal to jagjaahir hai in netaao ka..aur rajneeti hai..
parliament bollywood hai inka aur ye neta nahi abhineta hai..
भ्रष्टाचार ही अभिशाप है बेहतरीन व्यंग
बेहतरीन व्यंग......
namaskar hamare blog par aane ke liye abhar .
bahut sunder abhivyakti sarthak .sataye ka chitran . desh ke jo halat hai woh sudharne ke koi abhi aasar nahi najar aa rahe ........kab desh ka uday hoga .?.acchi post ke liye badhai .
Adity ji,
Sanjay Bhasker ji,
आपका स्नेह मिला, बहुत- बहुत आभार.
Avanti singh ji,
आपके ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का कृतज्ञ हूँ.
Shashi purwar ji,
आपकी शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ,धन्यवाद.
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