तुझे भुलाऊँ मैं , ऐसा कभी खुदा न करे /
मेरे ख़याल से सूरत तेरी जुदा न करे /
इश्क की राह , समंदर से बड़ी होती है ,
निभा सके न जिसे , ऐसा वायदा न करे /
मरीज़ मुझको, तुझे लोग दवा कहते हैं ,
दवा, दवा ही नहीं , जो कि फ़ायदा न करे /
इश्क की आग की , कैसे वो तपिश समझेगा ,
जिसके महबूब को , कोई कभी जुदा न करे /
अब तो ये ज़ख्म , ये नासूर ही ज़न्नत हैं मेरी ,
मेहरबाँ होके इन्हें , कोई अलहदा न करे /
मेरे ख़याल से सूरत तेरी जुदा न करे /
इश्क की राह , समंदर से बड़ी होती है ,
निभा सके न जिसे , ऐसा वायदा न करे /
मरीज़ मुझको, तुझे लोग दवा कहते हैं ,
दवा, दवा ही नहीं , जो कि फ़ायदा न करे /
इश्क की आग की , कैसे वो तपिश समझेगा ,
जिसके महबूब को , कोई कभी जुदा न करे /
अब तो ये ज़ख्म , ये नासूर ही ज़न्नत हैं मेरी ,
मेहरबाँ होके इन्हें , कोई अलहदा न करे /
24 comments:
दवा मन के रोगों को हर ले, पर असर तो करे।
बहुत खूबसूरत गज़ल..
दाद हाज़िर है.
khuda kare kabuk apki dua...
तुझे भुलाऊँ मैं , ऐसा कभी खुदा न करे
मेरे ख़याल से सूरत तेरी जुदा न करे
is rachna ki tarif karne ke liye mere pass sabdon ki kami hai ....hriday ki paridi ko chute huye pida mya ho gay hai sama
'दवा दवा ही नहीं जो कि फायदा न करे' सुन्दर भावाभिव्यक्ति ..| बधाई |
nasoor kaha...zannat leli.darshan bhi kiye ...mannat leli. bahut khoob.
बहुत सुंदर ..
हर शेर में गहरी बातें।
अब तो ये ज़ख्म , ये नासूर ही ज़न्नत हैं मेरी ,
मेहरबाँ होके इन्हें , कोई अलहदा न करे /बहुत ही शानदार गज़ल्।
दवा, दवा ही नहीं जो कि फायदा न करे.
वाह शुक्ला जी , क्या बात है. हर शेर लावजाब.
PRAVIN PANDEY JI,
VIDYA JI,
POONAM JI,
आप शुभचिंतकों के ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभार, धन्यवाद.
ASHOK BIRLA JI,
AMARNATH MADHUR JI
आपके ब्लॉग पर आगमन और स्नेहानुकम्पा का ह्रदय से आभारी हूँ.
PRABODH KUMAR GOVIL JI,
MAHENDRA VERMA JI,
VANDANA JI,
आपके स्नेह की वर्षा से अभिभूत हूँ, हमेशा प्रतीक्षा रहेगी इस स्नेह की.
ARUN NIGAM JI,
NISHA MAHARANA,
इसी स्नेह की सदैव प्रतीक्षा रहेगी.
इश्क की आग की , कैसे वो तपिश समझेगा ,
जिसके महबूब को , कोई कभी जुदा न करे /
विरह से ही प्रेम बढ़ता है... बहुत प्रभावशाली गजल !
bahut hi accha
lajavab..
शुक्ल जी
आपके रचना संसार में विवध रचनायें, विविध भाव हैं!
कभी देश तो कभी विरह की पीड़ा, समाज के हर एक घटनाक्रम,
मानव के हर एक एहसास पर आप लिखते हैं! आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
जो मैं आपका सानिध्य पा सका! नमन आपको!
बहुत ही शानदार गज़ल्।
really too good. just posted on my FB profile with your reference...
thanks
इश्क की राह समंदर से बड़ी होती है ,
निभा सके न जिसे ऐसा वायदा न करे !
वाह! बहुत ही खूबसूरत शेर कहा है !
मुबारक हो !
इश्क की राह , समंदर से बड़ी होती है ,
निभा सके न जिसे , ऐसा वायदा न करे ...
बहुत लाजवाब शेर ... इश्क की राह कठिन और गहरी होती है ... कमाल की गज़ल है शुक्ल जी ...
शुक्ला जी बहुत ही कमाल का लिखतें हैं आप.
आपकी प्रस्तुति की तारीफ़ के लिए शब्द नही मेरे पास.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा जी.
Anita ji,
Reena Maurya ji,
Chetan ji,
aapakee prashansaa aur shubhakaamanaaon kaa aabhaaree hoon, aapakaa baar- baar swaagat hai mere blog par.
Vikrant srivastav ji,
Gyanchand Marmagya ji,
aapane saraahaa, rachanaa saarthak huyee, aabhaar.
Digambar Naswa ji,
Rakesh kumar ji,
aapakaa snehaasheesh mila aabhaaree hoon.
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