स्वीकारें नव वर्ष की शुभकामनायें
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सभी मित्रों, शुभचिंतकों तथा पाठकों तक व्यक्तिगत नव वर्ष की शुभकामनायें काव्यांजलि के रूप में पहुंचा रहा हूँ. आशा है आप इन्हें स्वीकारेंगे और शुभकामनायें आप तक पहुँचीं , इसकी पुष्टि भी करेंगे /
आप सब का - एस. एन. शुक्ल
प्रगति पथ बढ़ें , दुःख विगत के भुलायें,
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
रचें नव स्रजन का , नया तंत्र फिर से ,
जपें जागरण का , नया मंत्र फिर से ,
वरें साधना, साध्य के हित लगन से ,
करें राष्ट्र जीवन को , अभिमन्त्र फिर से ,
नया पथ , नये साध्य , साधन जुटायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
न आये कोई , लोक जीवन में बाधा ,
जो हो लक्ष्य , उससे मिले और ज्यादा ,
मिले हर्ष , उत्कर्ष , सन्मार्ग के पथ ,
चलें साथ मिल , यह अटल हो इरादा ,
स्वहित , सर्वहित , मन रहें भावनायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
न हो वेदना से , कोई सामना अब ,
न हो , स्वार्थ के सिद्धि की कामना अब,
न हो व्याधि, बाधा , किसी तन व मन में,
रहे लोक -हित , मन विमल कामना अब ,
न हों , ईर्ष्या -द्वेष सी कल्पनायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
लता, तरु , विटप पुष्प- फल से भरें फिर ,
धरा, धान्य- धन , सम्पदा से भरे फिर ,
जरें , द्वेष - संताप की सर्जनाएं ,
प्रकृति शक्तियाँ, लोक मंगल करें फिर ,
बहें , स्नेह - सौहार्द पूरित हवाएं /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
- एस. एन. शुक्ल
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सभी मित्रों, शुभचिंतकों तथा पाठकों तक व्यक्तिगत नव वर्ष की शुभकामनायें काव्यांजलि के रूप में पहुंचा रहा हूँ. आशा है आप इन्हें स्वीकारेंगे और शुभकामनायें आप तक पहुँचीं , इसकी पुष्टि भी करेंगे /
आप सब का - एस. एन. शुक्ल
प्रगति पथ बढ़ें , दुःख विगत के भुलायें,

नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
रचें नव स्रजन का , नया तंत्र फिर से ,
जपें जागरण का , नया मंत्र फिर से ,
वरें साधना, साध्य के हित लगन से ,
करें राष्ट्र जीवन को , अभिमन्त्र फिर से ,
नया पथ , नये साध्य , साधन जुटायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
न आये कोई , लोक जीवन में बाधा ,
जो हो लक्ष्य , उससे मिले और ज्यादा ,
मिले हर्ष , उत्कर्ष , सन्मार्ग के पथ ,
चलें साथ मिल , यह अटल हो इरादा ,
स्वहित , सर्वहित , मन रहें भावनायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
न हो वेदना से , कोई सामना अब ,
न हो , स्वार्थ के सिद्धि की कामना अब,
न हो व्याधि, बाधा , किसी तन व मन में,
रहे लोक -हित , मन विमल कामना अब ,
न हों , ईर्ष्या -द्वेष सी कल्पनायें /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
लता, तरु , विटप पुष्प- फल से भरें फिर ,
धरा, धान्य- धन , सम्पदा से भरे फिर ,
जरें , द्वेष - संताप की सर्जनाएं ,
प्रकृति शक्तियाँ, लोक मंगल करें फिर ,
बहें , स्नेह - सौहार्द पूरित हवाएं /
नये वर्ष की शुभ - मधुर कामनायें /
- एस. एन. शुक्ल